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आप सभी भक्तो का माता
श्री चिलाय देवी खुडाना की
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   श्री  गणेशाय नम: 

 तुं सगती तंवरा तणी चावी मात चिलाय !

म्हैर करी अत मातथूं दिल्ली राज दिलाय !!

माता चिलाय देवी का प्रसिद्ध मंदिर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खुडाना गाँव में स्थित है। चील की सवारी होने के कारण इन्हें चिलाय माता कहा जाता है। ये तंवर/तोमर वंश  और खुडाना गाँव की कुलदेवी हैं। चिलाय माता को योगेशवरी, योगमाया, चिल्ला देवी, सरुंड माता भी कहते हैं। माँ अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं। खुडाना गाँव में सरुंड माता कोटपूतली से लाकर यह ज्योति पहाड़ी पर सन् 1235 में स्थापित की गयी है। पहले माता की शिला(छोटा पत्थर) रूप में ही पूजा होती थी,जो आज भी विराजमान है। एक दिन माता ने स्वप्न में पुजारी श्रीराम कौशिक को दर्शन दिये और मंदिर बनवाने का आदेश दिया। जब यह बात पुजारी जी ने ग्रामवासियों को बताई तो श्री सांवत सिंह और ग्रामवासियों ने माता के भवन का निर्माण करवाया और माता की प्रतिमा स्थापित की। यह प्राचीन प्रतिमा पाटन(राजस्थान)से लाई गयी है, वर्तमान में पुजारी श्रीराम कौशिक के पौत्र श्री अशोक कौशिक पुजारी हैं। यह मंदिर प्रकृति की अद्भूत देन अरावली की सुंदर पहाड़ियों पर स्थित है मंदिर तक जाने के लिए 1200 मी. का रास्ता है। मंदिर जाने की चढ़ाई करने से पहले बाबा लोकड़िया नाथ का मंदिर है। मंदिर चारों ओर से अरावली पर्वतमाला के प्राकृतिक सौंदर्य से सुशोभित है। मंदिर की अलौकिक आभा से मन को शांति मिलती है, एक नयी ऊर्जा का अनुभव होता है। इस दैवीय धाम की सुंदरता वर्षा ऋतु में अत्यधिक बढ़ जाती है, अरावली पर्वतमाला के टकराकर मंदिर में से बहते हुए बादल अद्भुत लगते हैं। मंदिर परिसर में एक ओपन जिम भी है। नवरात्रों में माता चिलाय देवी के मंदिर को बहुत सुंदर सजाया जाता है और माँ खुडानेश्वरी के मंदिर में श्रधालुओ की संख्या भी अत्यधिक बढ़ जाती है। सप्तम/सातवें नवरात्र को माता का विशाल मेला आयोजित किया जाता है जो षष्टि/छ्ट की रात्रि से ही प्रारम्भ हो जाता है। माता के मेले में अनेक भंडारों का आयोजन किया जाता है। 

देश में माता चिलाय देवी के अलग-अलग नाम से विभिन्न स्थानों पर मंदिर स्थापित हैं। दिल्ली के महरोली में पांडवों द्वारा माता योगमाया का मंदिर स्थापित किया गया था। जिसका जीर्णोंद्धार महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर प्रथम ने करवाया था।

पाटन के राजा भोपा जी तोमर ने भी कोटपुतली के पास सरुंड गाँव में कुलदेवी चिलाय माता का मंदिर बनवाया। जहाँ अज्ञातवास के समय पांडवों ने योगमाया के मंदिर का निर्माण करवाया था। सरुंड गाव में होने के कारण इन्हें सरुंड माता कहा जाता है। 

माता योगमाया/चिलाय देवी ने मायन बलवाड़ी (रेवाड़ी) नामक स्थान पर श्वेत चील के रूप अपने पंख फैलाकर महाराज जटमल जी की बाल्यवस्था में रक्षा की थी और महाराजा जयरथ को दर्शन दिये थे। यहाँ भी माता का एक मंदिर स्थापित है।

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, अश्विन नवरात्रि मेला
दिनांक 29-9-2025 को है।  
 
मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालु मंदिर परिसर और पहाड़ पर कचरा/प्लस्टिक ना फैलाए, प्रकृति  का ध्यान रखें।
Spreading plastic waste and trash in temple and hills is strictly prohibited.
Use dustbin and protect our nature.
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